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11 परमेश्वर कहता है, “मुझे यें सभी बलियाँ नहीं चाहिये। मैं तुम्हारे भेड़ों और पशुओं की चर्बी की पर्याप्त होमबलियाँ ले चुका हूँ। बैलों, मेमनों, बकरों के खून से मैं प्रसन्न नहीं हूँ। 12 तुम लोग जब मुझसे मिलने आते हो तो मेरे आँगन की हर वस्तु रौंद डालते हो। ऐसा करने के लिए तुमसे किसने कहा है

13 “बेकार की बलियाँ तुम मुझे मत चढ़ाते रहो। जो सुगंधित सामग्री तुम मुझे अर्पित करते हो, मुझे उससे घृणा है। नये चाँद की दावतें, विश्राम और सब्त मुझ से सहन नहीं हो पाते। अपनी पवित्र सभाओं के बीच जो बुरे कर्म तुम करते हो, मुझे उनसे घृणा है।

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