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29 हे, पलिश्तियों के प्रदेशों! तू बहुत प्रसन्न है क्योंकि जो राजा तुझे मार लगाया करता था, आज मर चुका है। किन्तु तुझे वास्तव में प्रसन्न नहीं होना चाहिये। यह सच है कि उसके शासन का अंत हो चुका है। किन्तु उस राजा का पुत्र अभी आकर राज करेगा और वह एक ऐसे साँप के समान होगा जो भयानक नागों को जन्म दिया करता है। यह नया राजा तुम लोगों के लिये एक बड़े फुर्तीले भयानक नाग के जैसा होगा। 30 किन्तु मेरे दीन जन सुरक्षा पूर्वक खाते पीते रह पायेंगे। उनकी संतानें भी सुरक्षित रहेंगी। मेरे दीन जन, सो सकेंगे और सुरक्षित अनुभव करेंगे। किन्तु तुम्हारे परिवार को मैं भूख से मार डालूँगा और तुम्हारे सभी बचे हुए लोग मर जायेंगे।

31 हे नगर द्वार के वासियों, रोओ!
    नगर में रहने वाले तुम लोग, चीखो—चिल्लाओ!
पलिश्ती के तुम सब लोग भयभीत होंगे।
    तुम्हारा साहस गर्म मोम की भाँति पिघल कर ढल जायेगा।

उत्तर दिशा की ओर देखो!
    वहाँ धूल का एक बादल है! देखो,
अश्शूर से एक सेना आ रही है!
    उस सेना के सभी लोग बलशाली हैं!

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