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30 किन्तु मेरे दीन जन सुरक्षा पूर्वक खाते पीते रह पायेंगे। उनकी संतानें भी सुरक्षित रहेंगी। मेरे दीन जन, सो सकेंगे और सुरक्षित अनुभव करेंगे। किन्तु तुम्हारे परिवार को मैं भूख से मार डालूँगा और तुम्हारे सभी बचे हुए लोग मर जायेंगे।

31 हे नगर द्वार के वासियों, रोओ!
    नगर में रहने वाले तुम लोग, चीखो—चिल्लाओ!
पलिश्ती के तुम सब लोग भयभीत होंगे।
    तुम्हारा साहस गर्म मोम की भाँति पिघल कर ढल जायेगा।

उत्तर दिशा की ओर देखो!
    वहाँ धूल का एक बादल है! देखो,
अश्शूर से एक सेना आ रही है!
    उस सेना के सभी लोग बलशाली हैं!
32 वह सेना अपने नगर में दूत भेजेंगे।
    दूत अपने लोगों से क्या कहेंगे वे घोषणा करेंगे: “पलिश्ती पराजित हुआ,
    किन्तु यहोवा ने सिय्योन को सुदृढ़ बनाया है, और उसके दीन जन वहाँ रक्षा पाने को गये।”

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