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किन्तु निम्रीम का नाला ऐसे सूख गया जैसे रेगिस्तान सूखा होता है।
    वहाँ सभी वृक्ष सूख गये।
कुछ भी हरा नहीं हैं।
सो लोग जो कुछ उनके पास है उसे इकट्ठा करते हैं,
    और मोआब को छोड़ते हैं।
उन वस्तुओं को लेकर वे नाले (पाप्लर या अराबा) से सीमा पार कर रहे हैं।

मोआब में हर कहीं विलाप ही सुनाई देता है।
    दूर के नगर एगलैम में लोग बिलख रहे हैं।
बेरेलीम नगर के लोग विलाप कर रहे हैं।

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