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हमने सुना है कि मोआब के लोग बहुत अभिमानी और गर्वीले हैं।
    ये लोग हिंसक हैं और बड़ा बोले भी।
इनका बड़ा बोल सच्चा नहीं है।
समूचा मोआब देश अपने अभिमान के कारण कष्ट उठायेगा।
    मोआब के सारे लोग विलाप करेंगे।
वे लोग बहुत दु:खी रहेंगे।
    वे ऐसी वस्तुओं की इच्छा करेंगेजैसी उनके पास पहले हुआ करती थीं।
    वे कीरहरासत में बने हुए अंजीर के पेंड़ों की इच्छा करेंगे।
वे लोग बहुत दु:खी रहा करेंगे क्योंकि हेशबोन के खेत और सिबमा की अँगूर की बेलों में अँगूर नहीं लगा पा रहे हैं।
    बाहर के शासकों ने अँगूर की बेलों को काट फेंका है।
याजेर की नगरी से लेकर मरुभूमि में दूर—दूर तक शत्रु की सेनाएँ फैल गयी हैं।
    वे समुद्र के किनारे तक जा पहुँची हैं।

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