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वे लोग बहुत दु:खी रहा करेंगे क्योंकि हेशबोन के खेत और सिबमा की अँगूर की बेलों में अँगूर नहीं लगा पा रहे हैं।
    बाहर के शासकों ने अँगूर की बेलों को काट फेंका है।
याजेर की नगरी से लेकर मरुभूमि में दूर—दूर तक शत्रु की सेनाएँ फैल गयी हैं।
    वे समुद्र के किनारे तक जा पहुँची हैं।
मैं उन लोगों के साथ विलाप करुँगा जो याजेर और सिबमा के निवासी हैं
    क्योंकि अंगूर नष्ट किये गये।
मैं हेशबोन और एलाले के लोगों के साथ शोक करुँगा
    क्योंकि वहाँ फसल नहीं होगी।
वहाँ गर्मी का कोई फल नहीं होगा।
    वहाँ पर आनन्द के ठहाके भी नहीं होंगे।
10 अंगूर के बगीचे में आनन्द नहीं होगा और न ही वहाँ गीत गाये जायेंगे।
मैं कटनी के समय की सारी खुशी समाप्त कर दूँगा।
    दाखमधु बनने के लिये अंगूर तो तैयार है,
किन्तु वे सब नष्ट हो जायेंगे।

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