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यशायाह 17:10-12
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 17:10-12
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
10 ऐसा इसलिये होगा क्योंकि तुमने अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भुला दिया है। तुमने यह याद नहीं रखा कि परमेश्वर ही तुम्हारा शरण स्थल है।
तुम सुदूर स्थानों से कुछ बहुत अच्छी अँगूर की बेलें लाये थे। तुम अंगूर की बेलों को रोप सकते हो किन्तु उन पौधों में बढ़वार नहीं होगी। 11 एक दिन तुम अपनी अँगूर की उन बेलों को रोपोगे और उनकी बढ़वार का जतन करोगे। अगले दिन, वे पौधे बढ़ने भी लगेंगे किन्तु फसल उतारने के समय जब तुम उन बेलों के फल इकट्ठे करने जाओगे तब देखोगे कि सब कुछ सूख चुका है। एक बीमारी सभी पौधों का अंत कर देगी।
12 बहुत सारे लोगों का भीषणा नाद सुनो!
यह नाद सागर के नाद जैसा भयानक है।
लोगों का शोर सुनो।
ये शोर ऐसा है जैसे सागर की लहरे टकरा उठती हो।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International