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15 वे लोग कहा करेंगे, “पूर्व के लोगों, यहोवा की प्रशंसा करो!
    दूर देश के लोगों, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम का गुणगान करो।”
16 इस धरती पर हर कहीं हम परमेश्वर के स्तुति गीत सुनेंगे।
    इन गीतों में परमेश्वर की स्तुति होगी।
किन्तु मैं कहता हूँ, “मैं बरबाद हो रहा हूँ।
    मैं जो कुछ भी देखता हूँ सब कुछ भयंकर है।
गद्दार लोग, लोगों के विरोधी हो रहे हैं,
    और उन्हें चोट पहुँचा रहे हैं।”
17 मैं धरती के वासियों पर खतरा आते देखता हूँ।
    मैं उनके लिये भय, गके और फँदे देख रहा हूँ।

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