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16 हे यहोवा, तुझे लोग दु:ख में याद करते हैं,
और जब तू उनको दण्ड दिया करता है
    तब लोग तेरी मूक प्रार्थनाएँ किया करते हैं।
17 हे यहोवा, हम तेरे कारण ऐसे होते हैं
    जैसे प्रसव पीड़ा को झेलती स्त्री हो
    जो बच्चे को जन्म देते समय रोती—बिलखती और पीड़ा भोगती है।
18 इसी तरह हम भी गर्भवान होकर पीड़ा भोगतेहैं।
    हम जन्म देते हैं किन्तु केवल वायु को।
हम संसार को नये लोग नहीं दे पाये।
    हम धरती परउद्धार को नहीं ला पाये।

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