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“मैं यहोवा, उस बाग का ध्यान रखूँगा।
    मैं बाग को उचित समय पर सीचूँगा।
मैं बगीचे की रात दिन रखवाली करुँगा ताकि कोई भी उस को हानि न पहुँचा पाये।
मैं कुपित नहीं होऊँगा।
यदि काँटे कँटेली मुझे वहाँ मिले तो मैं वैसे रौंदूगा
    जैसे सैनिक रौंदता चला जाता है और उनको फूँक डालूँगा।
लेकिन यदि कोई व्यक्ति मेरी शरण में आये
    और मुझसे मेल करना चाहे तो वह चला आये
    और मुझ से मेल कर ले।

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