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17 “लोग दीवार की सीध देखने के लिये जैसे सूत डाल कर देखते हैं, वैसे ही मैं जो उचित है उसके लिए न्याय और खरेपन का प्रयोग करुँगा। तुम दुष्ट लोग अपनी झूठों और चालाकियों के पीछे अपने को छुपाने का जतन कर रहे हो, किन्तु तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। यह दण्ड ऐसा ही होगा जैसे तुम्हारे छिपने के स्थानों को नष्ट करने के लिए कोई तूफान या कोई बाढ़ आ रही हो। 18 मृत्यु के साथ तुम्हारे वाचा को मिटा दिया जायेगा। अधोलोक के साथ हुआ तुम्हारा सन्धि भी तुम्हारी सहायता नहीं करेगा।

“जब भयानक दण्ड तुम पर पड़ेगा तो तुम कुचले जाओगे। 19 वह हर बार जब आएगा तुम्हें वहाँ ले जाएगा। तुम्हारा दण्ड भयानक होगा। तुम्हें सुबह दर सुबह और दिन रात दण्ड मिलेगा।

“तब तुम इस कहानी को समझोगे:

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