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25 किसान अपनी धरती को तैयार करता है, और फिर उसमें बीज अलग अलग डालता है। किसान अलग—अलग बीजों की रुपाई, ढंग से करता है। किसान सौंफ के बीज बिखेरता है। किसान अपने खेत पर जीरे के बीज बिखेरता है और एक किसान कठिये गेंहूँ को बोता है। एक किसान खास स्थान पर जौ लगाता है। एक किसान कठिये गेंहूँ के बीजों को खेत की मेंड़ पर लगाता है।

26 उसका परमेश्वर उसको शिक्षा देता है और अच्छे प्रकार से उसे निर्देश देता है। 27 क्या कोई किसान तेज़ दाँतदार तख़्तों का प्रयोग सौंफ के दानों को गहाने के लिये करता है नहीं! क्या कोई किसान जीरे को गहाने के लिए किसी छकड़े का प्रयोग करता है नहीं! एक किसान इन मसालों के बीजों के छिलके उतारने के लिये एक छोटे से डण्डे का प्रयोग ही करता है।

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