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यशायाह 29:15-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 29:15-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
15 धिक्कार है उन लोगों को जो यहोवा से बातें छिपाने का जतन करेंगे। वे सोचते हैं कि यहोवा तो समझेगा नहीं। वे लोग अन्धेरे में पाप करते हैं। वे लोग अपने मन में कहा करते हैं, “हमें कोई देख नहीं सकता। हम कौन हैं, इसे कोई व्यक्ति नहीं जानेगा।”
16 तुम भ्रम में पड़े हो। तुम सोचा करते हो, कि मिट्टी कुम्हार के बराबर है। तुम सोचा करते हो कि कृति अपने कर्ता से कह सकती है “तूने मेरी रचना नहीं की है!” यह वैसा ही है, जैसे घड़े का अपने बनाने वाले कुम्हार से यह कहना, “तू समझता नहीं है तू क्या कर रहा है।”
एक उत्तम समय आ रहा है
17 यह सच है: कि लबानोन थोड़े दिनों बाद, अपने विशाल ऊँचे पेड़ों को लिये सपाट जुते खेतों में बदल जायेगा और सपाट खेत ऊँचे—ऊँचे पेड़ों वाले सघन वनों का रुप ले लेंगे।
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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International