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16 हे मेरे स्वामी, इस कष्ट के समय का उपयोग फिर से मेरी चेतना को सशक्त बनाने में कर।
    मेरे मन को सशक्त और स्वस्थ होने में मेरी सहायता कर!
मुझको सहारा दे कि मैं अच्छा हो जाऊँ! मेरी सहायता कर कि मैं फिर से जी उठूँ!
17 देखो! मेरी विपत्तियाँ समाप्त हुई! अब मेरे पास शांति है।
    तू मुझ से बहुत अधिक प्रेम करता है! तूने मुझे कब्र में सड़ने नहीं दिया।
तूने मेरे सब पाप क्षमा किये! तूने मेरे सब पाप दूर फेंक दिये।
18 तेरी स्तुति मरे व्यक्ति नहीं गाते!
    मृत्यु के देश में पड़े लोग तेरे यशगीत नहीं गाते।
वे मरे हुए व्यक्ति जो कब्र में समायें हैं, सहायता पाने को तुझ पर भरोसा नहीं रखते।

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