Add parallel Print Page Options

15 देखो, जगत के सारे देश घड़े में एक छोटी बूंद जैसे हैं।
    यदि यहोवा सुदूरवर्ती देशों तक को लेकर अपनी तराजू पर धर दे, तो वे छोटे से रजकण जैसे लगेंगे।
16 लबानोन के सारे वृक्ष भी काफी नहीं है कि उन्हें यहोवा के लिये जलाया जाये।
    लबानोन के सारे पशु काफी नहीं हैं कि उनको उसकी एक बलि के लिये मारा जाये।
17 परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र कुछ भी नहीं हैं।
    परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र बिल्कुल मूल्यहीन हैं।

Read full chapter