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परमेश्वर क्या है लोग कल्पना भी नहीं कर सकते

18 क्या तुम परमेश्वर की तुलना किसी भी वस्तु से कर सकते हो नहीं! क्या तुम परमेश्वर का चित्र बना सकते हो नहीं!
19 कुन्तु कुछ लोग ऐसे हैं जो पत्थर और लकड़ी की मूर्तियाँ बनाते हैं और उन्हें देवता कहते हैं।
    एक कारीगर मूर्ति को बनाता है।
    फिर दूसरा कारीगर उस पर सोना मढ़ देता है और उसके लिये चाँदी की जंजीरे बनता है!
20 सो वह व्यक्ति आधार के लिये एक विशेष प्रकार की लकड़ी चुनता है जो सड़ती नहीं है।
    तब वह एक अच्छे लकड़ी चुनता है जो सड़ती नहीं है।
    तब वह एक अच्छे लकड़ी के कारीगर को ढूँढता है।
वह कारीगर एक ऐसा “देवता” बनाता है जो ढुलकता नहीं है!

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