Add parallel Print Page Options

23 सच्चा परमेश्वर शासकों को महत्त्वहीन बना देता है।
    वह इस जगत के न्यायकर्ताओं को पूरी तरह व्यर्थ बना देता है!
24 वे शासक ऐसे हैं जेसे वे पौधे जिन्हें धरती में रोपा गया हो,
    किन्तु इससे पहले की वे अपनी जड़े धरती में जमा पाये,
परमेश्वर उन को बहा देता है
    और वे सूख कर मर जाते हैं।
    आँधी उन्हें तिनके सा उड़ा कर ले जाती है।
25 “क्या तुम किसी से भी मेरी तुलना कर सकते हो नहीं!
    कोई भी मेरे बराबर का नहीं है।”

Read full chapter