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यहोवा सृजनहार है: वह अमर है

41 यहोवा कहा करता है,
“सुदूरवर्ती देशों, चुप रहो और मेरे पास आओ!
    जातियों, फिर से सुदृढ़ बनों।
मेरे पास आओ और मुझसे बातें करो।
    आपस में मिल कर हम
    निश्चय करें कि उचित क्या है।
किसने उस विजेता को जगाया है, जो पूर्व से आयेगा
    कौन उससे दूसरे देशों को हरवाता और राजाओं को अधीन कर देता
कौन उसकी तलवारों को इतना बढ़ा देता है
    कि वे इतनी असंख्य हो जाती जितनी रेत—कण होते हैं
    कौन उसके धनुषों को इतना असंख्य कर देता जितना भूसे के छिलके होते हैं
यह व्यक्ति पीछा करेगा और उन राष्ट्रों का पीछा बिना हानि उठाये करता रहेगा
    और ऐसे उन स्थानों तक जायेगा जहाँ वह पहले कभी गया ही नहीं।

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