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यशायाह 42:15-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 42:15-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
15 मैं पर्वतों—पहाड़ियों को नष्ट कर दूँगा।
मैं जो पौधे वहाँ उगते हैं। उनको सुखा दूँगा।
मैं नदियों को सूखी धरती में बदल दूँगा।
मैं जल के सरोवरों को सुखा दूँगा।
16 फिर मैं अन्धों को ऐसी राह दिखाऊँगा जो उनको कभी नहीं दिखाई गयी।
नेत्रहीन लोगों को मैं ऐसी राह दिखाऊँगा जिन पर उनका जाना कभी नहीं हुआ।
अन्धेरे को मैं उनके लिये प्रकाश में बदल दूँगा।
ऊँची नीची धरती को मैं समतल बनाऊँगा।
मैं उन कामों को करुँगा जिनका मैंने वचन दिया है!
मैं अपने लोगों को कभी नहीं त्यागूँगा।
17 किन्तु कुछ लोगों ने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया।
उन लोगों के पास वे मूर्तियाँ हैं जो सोने से मढ़ी हैं।
उन से वे कहा करते हैं कि ‘तुम हमारे देवता हो।’
वे लोग अपने झूठे देवताओं के विश्वासी हैं।
किन्तु ऐसे लोग बस निराश ही होंगे!”
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International