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20 वह देखता बहुत है,
    किन्तु मेरी आज्ञा नहीं मानता।
वह अपने कानों से साफ साफ सुन सकता है
    किन्तु वह मेरी सुनने से इन्कार करता है।”
21 यहोवा अपने सेवक के साथ सच्चा रहना चाहता है।
    इसलिए वह लोगों के लिए अद्भुत उपदेश देता है।
22 किन्तु दूसरे लोगों की ओर देखो।
    दूसरे लोगों ने उनको हरा दिया और जो कुछ उनका था, छीन लिया।
काल कोठरियों में वे सब फँसे हैं,
    कारागरों के भीतर वे बन्दी हैं।
लोगों ने उनसे उनका धन छीन लिया है
    और कोई व्यक्ति ऐसा नहीं जो उनको बचा ले।
दूसरे लोगों ने उनका धन छीन लिया
    और कोई व्यक्ति ऐसा नहीं जो कहे “इसको वापस करो!”

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