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कुछ लोग सोने और चाँदी से धनवान हैं। सोने चाँदी के लिए उन्होंने अपनी थैलियों के मुँह खोल दिए हैं। वे अपनी तराजुओं से चाँदी तौला करते हैं। ये लोग लकड़ी से झूठे देवता बनाने के लिये कलाकारों को मजदूरी देते हैं और फिर वे लोग उसी झुठे देवता के आगे झुकते हैं और उसकी पूजा करते हैं। वे लोग झूठे देवता को अपने कन्धों पर रख कर ले चलते हैं। वह झूठा देवता तो बेकार है। लोगों को उसे ढोना पड़ता है। लोग उस झूठे देवता को धरती पर स्थापित करते हैं। किन्तु वह झूठा देवता हिल—डुल भी नहीं पाता। वह झूठा देवता अपने स्थान से चल कर कहीं नहीं जाता। लोग उसके सामने चिल्लाते हैं किन्तु वह कभी उत्तर नहीं देगा। वह झूठा देवता तो बस मूर्ति है। वह लोगों को उनके कष्टों से नहीं उबार सकता।

“तुम लोगों ने पाप किये हैं। तुम्हें इन बातों को फिर से याद करना चाहिये। इन बातों को याद करो और सुदृढ़ हो जाओ।

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