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16 मेरे पास आ और मेरी सुन!
    मैंने आरम्भ में साफ—साफ बोला ताकि लोग मुझे सुन ले
और मैं उस समय वहाँ पर था जब बाबुल की नींव पड़ी।”
    इस पर यशायाह ने कहा,

अब देखो, मेरे स्वामी यहोवा ने इन बातों को तुम्हें बताने के लिये मुझे और अपनी आत्मा को भेजा है। 17 यहोवा जो मुक्तिदाता है और इस्राएल का पवित्र है, कहता है,

“तेरा यहोवा परमेश्वर हूँ।
    मैं तुझको सिखाता हूँ कि क्या हितकर है।
    मैं तुझको राह पर लिये चलता हूँ जैसे तुझे चलना चाहिए।
18 यदि तू मेरी मानता तो तुझे उतनी शान्ति मिल जाती जितनी नदी भर करके बहती है।
    तुझ पर उत्तम वस्तुएँ ऐसी छा जाती जैसे समुद्र की तरंग हों।

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