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19 यदि तू मेरी मानता तो तेरी सन्तानें बहुत बहुत होतीं।
    तेरी सन्तानें वैसे अनगिनत हो जाती जैसे रेत के असंख्य कण होते हैं।
यदि तू मेरी मानता तो तू नष्ट नहीं होता।
    तू भी मेरे साथ में बना रहता।”

20 हे मेरे लोगों, तुम बाबुल को छोड़ दो!
    हे मेरे लोगों तुम कसदियों से भाग जाओ!
प्रसन्नता में भरकर तुम लोगों से इस समाचार को कहो!
    धरती पर दूर दूर इस समाचार को फैलाओ! तुम लोगों को बता दो,
“यहोवा ने अपने दास याकूब को उबार लिया है!”
21 यहोवा ने अपने लोगों को मरूस्थल में राह दिखाई,
    और वे लोग कभी प्यासे नहीं रहे!
क्यों क्योंकि उसने अपने लोगों के लिये चट्टान फोड़कर पानी बहा दिया!

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