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“तू मेरे लिये मेरा अति महत्त्वपूर्ण दास है।
    इस्राएल के लोग बन्दी बने हुए हैं।
उन्हें मेरे पास वापस लौटा लाया जायेगा
    और तब याकूब के परिवार समूह मेरे पास लौट कर आयेंगे।
किन्तु तेरे पास एक दूसरा काम है।
    वह काम इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण है!
मैं तुझको सब राष्ट्रों के लिये एक प्रकाश बनाऊँगा।
    तू धरती के सभी लोगों की रक्षा के लिये मेरी राह बनेगा।”
इस्राएल का पवित्र यहोवा, इस्राएल की रक्षा करता है और यहोवा कहता है, “मेरा दास विनम्र है।
    वह शासकों की सेवा करता है, और लोग उससे घृणा करते हैं।
    किन्तु राजा उसका दर्शन करेंगे और उसके सम्मान में खड़े होंगे।
    महान नेता भी उसके सामने झुकेंगे।”

ऐसा घटित होगा क्योंकि इस्राएल का वह पवित्र यहोवा ऐसा चाहता है, और यहोवा के भरोसे रहा जा सकता है। वह वही है जिसने तुझको चुना।

यहोवा कहता है,
    “उचित समय आने पर मैं तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर दूँगा।
मैं तुमको सहारा दूँगा।
    मुक्ति के दिनों में मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा और तुम इसका प्रमाण होगे कि लोगों के साथ में मेरी वाचा है।
अब देश उजड़ चुका है, किन्तु तुम यह धरती इसके स्वामियों को लौटवाओगे।

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