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24 ऐसे लोगों के साथ बुरी बातें घटेंगी। उनके वंशज पूरी तरह बैसे ही नष्ट हो जायेंगे जैसे घास फूस आग में जला दिये जाते हैं। उनके वंशज उस कंद मूल की तरह नष्ट हो जायेंगे जो मर कर धूल बन जाता है। उनके वंशज ऐसे नष्ट कर दिये जायेंगे जैसे आग फूलों को जला डालती है और उसकी राख हवा में उड़ जाती है।

ऐसे लोगों ने सर्वशक्तिशाली यहोवा के उपदेशों का पालन करने से इन्कार कर दिया है। उन लोगों ने इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) के कथन से बैर किया है। 25 इसलिए यहोवा अपने लोगों से बहुत अधिक कुपित हुआ है। यहोवा ने अपना हाथ उठाया और उन्हें दण्ड दिया। यहाँ तक कि पर्वत भी भयभीत हो उठे थे। गलियों में कूड़े की तरह लाशें बिछी पड़ी थी। किन्तु यहोवा अभी भी कुपित है। उसका हाथ लोगों को दण्ड देने के लिए अभी भी उठा हुआ है।

इस्राएल को दण्ड देने के लिए परमेश्वर सेनाएँ लायेगा

26 देखो! परमेश्वर दूर देश के लोगों को संकेत दे रहा है। परमेश्वर एक झण्डा उठा रहा है, और उन लोगों को बुलाने के लिये सीटी बजा रहा है।

किसी दूर देश से शत्रु आ रहा है। वह शत्रु शीघ्र ही देश में घुस आयेगा। वे बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

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