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10 तूने सागर को सुखाया!
    तूने गहरे समुद्र को जल हीन बना दिया।
तूने सागर के गहरे सतह को एक राह में बदल दिया और तेरे लोग उस राह से पार हुए और बच गये थे।
11 यहोवा अपने लोगों की रक्षा करेगा।
    वे सिय्योन पर्वत की ओर आनन्द मनाते हुए लौट आयेंगे।
ये सभी आनन्द मग्न होंगे।
    सारे ही दु:ख उनसे दूर कहीं भागेंगे।

12 यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है।
    इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं।
वे बस मानवमात्र हैं।
    वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”

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