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15 “मैं ही यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
    मैं ही सागर को झकोरता हूँ और मैं ही लहरें उठाता हूँ।”
(उसका नाम सर्वशक्तिमान यहोवा है।)

16 “मेरे सेवक, मैं तुझे वे शब्द दूँगा जिन्हें मैं तुझसे कहलवाना चाहता हूँ। मैं तुझे अपने हाथों से ढक कर तेरी रक्षा करूँगा। मैं तुझसे नया आकाश और नयी धरती बनवाऊँगा। मैं तुम्हारे द्वारा सिय्योन (इस्राएल) को यह कहलवाने के लिए कि ‘तुम मेरे लोग हो,’ तेरा उपयोग करूँगा।”

परमेश्वर ने इस्राएल को दण्ड दिया

17 जाग! जाग!
    यरूशलेम, जाग उठ!
यहोवा तुझसे बहुत ही कुपित था।
    इसलिए तुझको दण्ड दिया गया था।
वह दण्ड ऐसा था जैसा जहर का कोई प्याला हो
    और वह तुझको पीना पड़े और उसे तूने पी लिया।

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