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10 यहोवा कहता है, “चाहे पर्वत लुप्त हो जाये
    और ये पहाड़ियाँ रेत में बदल जायें
किन्तु मेरी करूणा तुझे कभी भी नहीं त्यागेगी।
    मैं तुझसे मेल करूँगा और उस मेल का कभी अन्त न होगा।”
    यहोवा तुझ पर करूणा दिखाता है
और उस यहोवा ने ही ये बातें बतायी हैं।

11 “हे नगरी, हे दुखियारी!
    तुझको तुफानों ने सताया है
और किसी ने तुझको चैन नहीं दिया है।
    मैं तेरा मूल्यवान पत्थरों से फिर से निर्माण करूँगा।
मैं तेरी नींव फिरोजें और नीलम से धरूँगा।
12 मैं तेरी दीवारें चुनने में माणिक को लगाऊँगा।
    तेरे द्वारों पर मैं दमकते हुए रत्नों को जड़ूँगा।
    तेरी सभी दीवारें मैं मूल्यवान पत्थरों से उठाऊँगा।

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