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11 “हे नगरी, हे दुखियारी!
    तुझको तुफानों ने सताया है
और किसी ने तुझको चैन नहीं दिया है।
    मैं तेरा मूल्यवान पत्थरों से फिर से निर्माण करूँगा।
मैं तेरी नींव फिरोजें और नीलम से धरूँगा।
12 मैं तेरी दीवारें चुनने में माणिक को लगाऊँगा।
    तेरे द्वारों पर मैं दमकते हुए रत्नों को जड़ूँगा।
    तेरी सभी दीवारें मैं मूल्यवान पत्थरों से उठाऊँगा।
13 तेरी सन्तानें यहोवा द्वारा शिक्षित होंगी।
    तेरी सन्तानों की सम्पन्नता महान होगी।

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