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यशायाह 54:2-4
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 54:2-4
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
2 “अपने तम्बू विस्तृत कर,
अपने द्वार पूरे खोल।
अपने तम्बू को बढ़ने से मत रोक।
अपने रस्सियाँ बढ़ा और खूंटे मजबूत कर।
3 क्यों क्योंकि तू अपनी वंश—बेल दायें और बायें फैलायेगी।
तेरी सन्तानें अनेकानेक राष्ट्रों की धरती को ले लेंगी
और वे सन्तानें उन नगरों में फिर बसेंगी जो बर्बाद हुए थे।
4 तू भयभीत मत हो, तू लज्जित नहीं होगी।
अपना मन मत हार क्योंकि तुझे अपमानित नहीं होना होगा।
जब तू जवान थी, तू लज्जित हुई थी किन्तु उस लज्जा को अब तू भूलेगी।
अब तुझको वो लाज नहीं याद रखनी हैं तूने जिसे उस काल में भोगा था जब तूने अपना पति खोया था।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International