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लोग परमेश्वर को नहीं समझ पायेंगे

यहोवा कहता है, “तुम्हारे विचार वैसे नहीं, जैसे मेरे हैं।
    तुम्हारी राहें वैसी नहीं जैसी मेरी राहें हैं।
जैसे धरती से ऊँचे स्वर्ग हैं वैसे ही तुम्हारी राहों से मेरी राहें ऊँची हैं
    और मेरे विचार तुम्हारे विचारों से ऊँचे हैं।”
ये बातें स्वयं यहोवा ने ही कहीं हैं।

10 “आकाश से वर्षा और हिम गिरा करते हैं
    और वे फिर वहीं नहीं लौट जाते जब तक वे धरती को नहीं छू लेते हैं
    और धरती को गीला नहीं कर देते हैं।
फिर धरती पौधों को अंकुरित करती है
    और उनको बढ़ाती है और वे पौधे किसानों के लिये बीज को उपजाते हैं
    और लोग उन बीजों से खाने के लिये रोटियाँ बनाते हैं।

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