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इस्राएल परमेश्वर की नहीं मानता है

57 अच्छे लोग चले गये किन्तु
    इस पर तो ध्यान किसी ने नहीं दिया।
लोग समझते नहीं हैं कि क्या कुछ घट रहा है।
    भले लोग एकत्र किये गये।

लोग समझते नहीं कि विपत्तियाँ आ रही हैं।
    उन्हें पता तक नहीं हैं कि भले लोग रक्षा के लिये एकत्र किये गये।
किन्तु शान्ति आयेगी
    और लोग आराम से अपने बिस्तरों में सोयेंगे और लोग उसी तरह जीयेंगे जैसे परमेश्वर उनसे चाहता है।

“हे चुड़ैलों के बच्चों, इधर आओ।
    तुम्हारा पिता व्यभिचार का पापी है।
    तुम्हारी माता अपनी देह यौन व्यापार में बेचा करती है।
इधर आओ!

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