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यशायाह 57:16-18
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 57:16-18
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
16 मैं सदा—सदा ही मुकद्दमा लड़ता रहूँगा।
सदा—सदा ही मैं तो क्रोधित नहीं रहूँगा।
यदि मैं कुपित ही रहूँ तो मनुष्य की आत्मा यानी वह जीवन जिसे मैंने उनको दिया है,
मेरे सामने ही मर जायेगा।
17 उन्होंने लालच से हिंसा भरे स्वार्थ साधे थे और उसने मुझको क्रोधित कर दिया था।
मैंने इस्राएल को दण्ड दिया।
मैंने उसे निकाल दिया क्योंकि मैं उस पर क्रोधित था और इस्राएल ने मुझको त्याग दिया।
जहाँ कहीं इस्राएल चाहता था, चला गया।
18 मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी।
किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा।
मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा।
फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International