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18 मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी।
    किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा।
मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा।
    फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।
19 उन लोगों को मैं एक नया शब्द शान्ति सिखाऊँगा।
    मैं उन सभी लोगों को शान्ति दूँगा जो मेरे पास हैं और उन लोगों को जो मुझ से दूर हैं।
मैं उन सभी लोगों को चंगा (क्षमा) करूँगा!”
    ने ये सभी बातें बतायी थी।

20 किन्तु दुष्ट लोग क्रोधित सागर के जैसे होते हैं।
    वे चुप या शांत नहीं रह सकते।
वे क्रोधित रहते हैं और समुद्र की तरह कीचड़ उछालते रहते हैं।
    मेरे परमेश्वर का कहना है:

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