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अब वे लोग कहते हैं, “तेरे प्रति आदर दिखाने के लिये हम भोजन करना बन्द कर देते हैं। तू हमारी ओर देखता क्यों नहीं तेरे प्रति आदर व्यक्त करने के लिये हम अपनी देह को क्षति पहुँचाते हैं। तू हमारी ओर ध्यान क्यों नहीं देता”

किन्तु यहोवा कहता है, “उपवास के उन दिनों में उपवास रखते हुए तुम्हें आनन्द आता है किन्तु उन्हीं दिनों तुम अपने दासों का खून चूसते हो। जब तुम उपवास करते हो तो भूख की वजह से लड़ते—झगड़ते हो और अपने दुष्ट मुक्कों से आपस में मारा—मारी करते हो। यदि तुम चाहते हो कि स्वर्ग में तुम्हारी आवाज सुनी जाये तो तुम्हें उपवास ऐसे नहीं रखना चाहिये जैसे तुम आज कल रखते हो। तुम क्या यह सोचते हो कि भोजन नहीं करने के उन विशेष दिनों में बस मैं लोगों को अपने शरीरों को दु:ख देते देखना चाहता हूँ क्या तुम ऐसा सोचते हो कि मैं लोगों को दु:खी देखना चाहता हूँ क्या तुम यह सोचते हो कि मैं लोगों को मुरझाये हुए पौधों के समान सिर लटकाये और शोक वस्त्र पहनते देखना चाहता हूँ क्या तुम यह सोचते हो कि मैं लोगों को अपना दु:ख प्रकट करने के लिये राख में बैठे देखना चाहता हूँ यही तो वह सब कुछ है जो तुम खाना न खाने के दिनों में करते हो। क्या तुम ऐसा सोचते हो कि यहोवा तुमसे बस यही चाहता है

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