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19 “फिर मैं यरूशलेम से प्रसन्न रहूँगा।
    मैं अपने लोगों से प्रसन्न रहूँगा और उस नगरी में फिर कभी विलाप और कोई दु:ख नहीं होगा।
20 उस नगरी में कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जो पैदा होने के बाद कुछ ही दिन जियेगा।
    उस नगरी का कोई भी व्यक्ति अपनी अल्प आयु में नहीं मरेगा।
हर पैदा हुआ बच्चा लम्बी उम्र जियेगा
    और उस नगरी का प्रत्येक बूढ़ा व्यक्ति एक लम्बे समय तक जीता रहेगा।
वहाँ सौ साल का व्यक्ति भी जवान कहलायेगा।
    किन्तु कोई भी ऐसा व्यक्ति जो सौ साल से पहले मरेगा उसे अभिशप्त कहा जायेगा।

21 “देखो, उस नगरी में यदि कोई व्यक्ति अपना घर बनायेगा तो वह व्यक्ति अपने घर में बसेगा।
    यदि कोई व्यक्ति वहाँ अंगूर का बाग लगायेगा तो वह अपने बाग के अँगूर खायेगा।

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