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18 ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: स्त्रियों, तुम पर विपत्ति आएगी। तुम लोगों की भुजाओं पर पहनने के लिये कपड़े का बाजूबन्द सीती हो। तुम लोगों के सिर पर बांधने के लिये विशेष “दुपट्टा” बनाती हो। तुम कहती हो कि वे चीजें लोगों के जीवन को नियन्त्रित करने की जादूई शक्ति रखती हैं। तुम केवल अपने को जीवित रखने के लिये उन लोगों को जाल में फँसाती हो! 19 तुम लोगों को ऐसा समझाती हो कि मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ। तुम्हें उन्हें मुट्ठी भर जौ और रोटी के कुछ टुकड़ों के लिये मेरे विरुद्ध करती हो। तुम मेरे लोगों से झूठ बोलती हो। वे लोग झूठ सुनना पसन्द करते हैं। तुम उन व्यक्तियों को मार डालती हो जिन्हें जीवित रहना चाहिये और तुम ऐसे लोगों को जीवित रहने देना चाहती हो जिन्हें मर जाना चाहिये! 20 इसलिए यहोवा और स्वामी तुमसे यह कहता है: तुम उन कपड़े के “बाजूबन्दो” को लोगों को जाल में फँसाने के लिये बनाती हो—किन्तु मैं उन लोगों को स्वतन्त्र करूँगा। मैं तुम्हारी भुजाओं से उन “बाजूबन्दों” को फाड़ फेंकूँगा और लोग तुमसे स्वतन्त्र हो जाएंगे। वे जाल से मुक्त पक्षियों की तरह होंगे!

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