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“‘लोगों ने उसे गरजते सुना
    और उन्होंने उसे अपने जाल में फँसा लिया!
उन्होंने उसके मुँह में नकेल डालीं
    और युवा सिंह को मिस्र ले गये।

“‘सिंह माता को आशा थी कि सिंह—शावक प्रमुख बनेगा।
    किन्तु अब उसकी सारी आशायें लुप्त हो गई।
इसलिये अपने शावकों में से उसने एक अन्य को लिया।
    उसे उसने सिंह होने का प्रशिक्षण दिया।
वह युवा सिंहों के साथ शिकार को निकला।
    वह एक बलवान युवा सिंह बना।
उसने अपने भोजन को पकड़ना सीखा।
    उसने एक आदमी को मारा और उसे खाया।

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