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31 तुम उसी प्रकार की भेंट चढ़ा रहे हो। तुम अपने बच्चों को आग में (असत्य देवताओं की भेंट के रूप में) डाल रहे हो। तुम अपने को आज भी गन्दी देवमूर्तियों से गन्दा बना रहे हो! क्या तुम सचमुच सोचते हो कि मैं तुम्हें अपने पास आने दूँगा और अपनी सलाह मांगने दूँगा मैं यहोवा और स्वामी हूँ। मैं अपने जीवन की शपथ खाकर प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर नहीं दूँगा और तुम्हें सलाह नहीं दूँगा! 32 तुम कहते रहते हो कि तुम अन्य राष्ट्रों की तरह होओगे। तुन उन राष्ट्रों के लोगों की तरह रहते हो। तुम लकड़ी और पत्थर के खण्डों (देवमूर्तियों) की पूजा करते हो!’”

33 मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “अपने जीवन की शपथ खाकर मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हारे ऊपर राजा की तरह शासन करुँगा। मैं अपनी शक्तिशाली भुजाओं को उठाऊँगा और तुम्हें दण्ड दूँगा। मैं तुम्हारे विरुद्ध अपना क्रोध प्रकट करुँगा!

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