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35 “इस प्रकार, मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं, ‘यरूशलेम, तुम मुझे भूल गए। तुमने मुझे दूर फेंका और मुझे पीछे छोड़ दिया। इसलिये तुम्हें मुझे छोड़ने और वेश्या की तरह रहने का दण्ड भोगना चाहिए। तुम्हें अपने दुष्ट सपनों के लिये कष्ट अवश्य पाना चाहिए।’”

ओहोला और ओहोलीबा के विरुद्ध निर्णय

36 मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “मनुष्य के पुत्र, क्या तुम ओहोला और ओहोलीबा का न्याय करोगे तब उनको उन भयंकर बातों को बताओ जो उन्होंने किये। 37 उन्होंने व्यभिचार का पाप किया है। वे हत्या करने के अपराधी हैं। उन्होंने वेश्या की तरह काम किया, उन्होंने अपनी गन्दी देवमूर्तियों के साथ रहने के लिये मुझको छोड़ा। मेरे बच्चे उनके पास थे, किन्तु उन्होंने उन्हें आग से गुजरने के लिये विवश किया। उन्होंने अपनी गन्दी देवमूर्तियों को भोजन देने के लिये यह किया।

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