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अत: वृक्ष अपनी महानता
    और अपनी लम्बी शाखाओं में सुन्दर था।
क्यों? क्योंकि इसकी जड़ें यथेष्ट
    जल तक पहुँची थीं!
परमेश्वर के उद्यान के देवदारु वृक्ष भी,
    उतने बड़े नहीं थे जितना यह वृक्ष।
सनौवर के वृक्ष इतनी अधिक शाखायें नहीं रखते,
    चिनार—वृक्ष भी ऐसी शाखायें नहीं रखते,
परमेश्वर के उद्यान का कोई भी वृक्ष,
    इतना सुन्दर नहीं था जितना यह वृक्ष।
मैंने अनेक शाखाओं सहित
    इस वृक्ष को सुन्दर बनाया
और परमेश्वर के उद्यान अदन, के सभी वृक्ष
    इससे ईर्ष्या करते थे!’”

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