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“मनुष्य के पुत्र, मिस्र के राजा के विषय में यह करुणगीत गाओ। उससे कहो:

“‘तुमने सोचा था तुम शक्तिशाली युवा सिंह हो, राष्ट्रों में गर्व सहित टहलते हुए।
    किन्तु सचमुच समुद्र के दैत्य जैसे हो।
तुम प्रवाह को धकेल कर रास्ता बनाते हो,
    और अपने पैरों से जल को मटमैला करते हो।
    तुम मिस्र की नदियों को उद्वेलित करते हो।’”

मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है:

“मैंने बहुत से लोगों को एक साथ इकट्ठा किया है।
    अब मैं तुम्हारे ऊपर अपना जाल फेंकूँगा।
    तब वे लोग तुम्हें खींच लेंगे।
तब मैं तुम्हें सूखी जमीन पर गिरा दूँगा।
    मैं तुम्हें खेत में फेंकूँगा।
मैं सभी पक्षियों को तुम्हें खाने के लिये बुलवाऊँगा।
    मैं हर जगह से जंगली जानवरों को तुम्हें खाने और पेट भरने के लिये बुलवाऊँगा।

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