यहेजकेल 33:10-12
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
परमेश्वर लोगों को नष्ट करना नहीं चाहता
10 “अत: मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के परिवार से मेरे लिये कहो। वे लोग कह सकते हैं, ‘हम लोगों ने पाप किया है और नियमों को तोड़ा है। हमारे पाप हमारी सहनशक्ति के बाहर हैं। हम उन पापों के कारण नाश हो रहे हैं। हम जीवित रहने के लिये क्या कर सकते हैं।’
11 “तुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर विश्वास दिलाता हूँ कि मैं लोगों को मरता देख कर आनन्दित नहीं होता, पापी व्यक्तियों को भी नहीं। मैं नहीं चाहता कि वे मरें। मैं उन पापी व्यक्तियों को अपने पास लौटाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि वे अपने जीवन को बदलें जिससे वे जीवित रह सकें। अत: मेरे पास लौटो! बुरे काम करना छोड़ो! इस्राएल के परिवार, तुम्हें मरना ही क्यों चाहिए?’
12 “मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से कहो: ‘यदि किसी व्यक्ति ने अतीत में पुण्य किया है तो उससे उसका जीवन नहीं बचेगा। यदि वह बच जाये और पाप करना शुरु करे। यदि किसी व्यक्ति ने अतीत में पाप किया, तो वह नष्ट नहीं किया जाएगा, यदि वह पाप से दूर हट जाता है। अत: याद रखो, एक व्यक्ति द्वारा अतीत में किये गए पुण्य कर्म उसकी रक्षा नहीं करेंगे, यदि वह पाप करना आरम्भ करता है।’
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