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उसने तुरही सुनी, पर चेतावनी अनसुनी की। इसलिये अपनी मृत्यु के लिये वह स्वयं दोषी है। यदि उसने चेतावनी पर ध्यान दिया होता तो उसने अपना जीवन बचा लिया होता।

“‘किन्तु यह हो सकता है कि पहरेदार शत्रु के सैनिकों को आता देखता है, किन्तु तुरही नहीं बजाता। उस पहरेदार ने लोगों को चेतावनी नहीं दी। शत्रु उन्हें पकड़ेगा और उन्हें बन्दी बनाकर ले जाएगा। वह व्यक्ति ले जाया जाएगा क्योंकि उसने पाप किया। किन्तु पहरेदार भी उस आदमी की मृत्यु का उत्तरदायी होगा।’

“अब, मनुष्य के पुत्र, मैं तुमको इस्राएल के परिवार का पहरेदार चुन रहा हूँ। यदि तुम मेरे मुख से कोई सन्देश सुनो तो तुम्हें मेरे लिये लोगों को चेतावनी देनी चाहिए।

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