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तुमने दुर्बल को बलवान नहीं बनाया। तुमने रोगी भेड़ की परवाह नहीं की है। तुमने चोट खाई हुई भेड़ों को पट्टी नहीं बाँधी। कुछ भेड़ें भटक कर दूर चली गई और तुम उन्हें खोजने और उन्हें वापस लेने नहीं गए। तुम उन खोई भेड़ों को खोजने नहीं गए। नहीं, तुम क्रूर और कठोर रहे, यही मार्ग था जिस पर तुमने भेड़ों को ले जाना चाहा!

“‘और अब, भेड़ें बिखर गई हैं क्योंकि कोई गड़ेरिया नहीं था। वे हर एक जंगली जानवर का भोजन बनी। अत: वे बिखर गई। मेरी रेवड़ सभी पर्वतों और ऊँची पहाड़ियों पर भटकी। मेरी रेवड़ धरती की सारी सतह पर बिखर गई। कोई भी उनकी खोज और देखभाल करने वाला नहीं था।’”

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