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10 मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “उस समय तुम्हारे मस्तिष्क में एक विचार उठेगा। तुम एक बुरी योजना बनाना आरम्भ करोगे। 11 तुम कहोगे, ‘मैं उस देश पर आक्रमण करने जाऊँगा जिसके नगर बिना दीवार के हैं (इस्राएल) वे लोग शान्तिपूर्वक रहते हैं। वे समझते हैं कि वे सुरक्षित हैं। उनकी रक्षा के लिये उनके नगरों के चारों ओर कोई दीवार नहीं है। उनके दरवाजों में ताले नहीं है, उनके दरवाजे भी नहीं हैं! 12 मैं इन लोगों को हराऊँगा और उनकी सभी कीमती चीजें उनसे ले लूँगा। मैं उन स्थानों के विरुद्ध लड़ूँगा जो नष्ट हो चुके थे, किन्तु अब लोग उनमें रहने लगे हैं। मैं उन लोगों (इस्राएल) के विरुद्ध लड़ूँगा जो दूसरे राष्ट्रों से इकट्ठे हुए थे। अब वे लोग मवेशी और सम्पत्ति वाले हैं। वे संसार के चौराहे पर रहते हैं जिस स्थान में से शक्तिशाली देशों को अन्य शक्तिशाली सभी देशों तक जाने के लिये यात्रा करनी पड़ती है।’

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