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25 वे व्यक्ति के शव के पास जाकर अपने को अपवित्र करने नहीं जाएंगे। किन्तु वे तब अपने को अपवित्र कर सकते हैं यदि मरने वाला व्यक्ति पिता, माता, पुत्र, पुत्री, भाई या अविवाहित बहन हो। ये याजक को अपवित्र बनायेगा। 26 शुद्ध किये जाने के बाद याजक को सात दिन तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। 27 तब यह पवित्र स्थान को लौट सकता है। किन्तु जिस दिन वह भीतरी आँगन के पवित्र स्थान में सेवा करने जाये उसे पापबलि अपने लिये चढ़ानी चाहिये।” मेरा स्वामी यहोवा ने यह कहा।

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