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“यह भूमि का पवित्र भाग मन्दिर के सेवक याजकों के लिये होगा जहाँ वे परमेश्वर के समीप सेवा करने आते हैं। यह याजकों के घरों और मन्दिर के लिये होगा। दूसरा क्षेत्र पच्चीस हजार हाथ लम्बा और दस हजार हाथ चौड़ा उन लेविवंशियों के लिये होगा जो मन्दिर में सेवा करते हैं। यह भूमि भी लेविवंशियों की, उनके रहने के नगरों के लिये होगी।

“तुम नगर को पाँच हजार हाथ चौड़ा और पच्चीस हजार हाथ लम्बा क्षेत्र दोगे। यह पवित्र क्षेत्र के सहारे होगा। यह इस्राएल के पूरे परिवार के लिये होगा।

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