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धीरज को अपना काम पूरा कर लेने दो कि तुम निर्दोष और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए.

यदि तुममें से किसी में भी ज्ञान का अभाव है, वह परमेश्वर से विनती करे, जो तिरस्कार किए बिना सभी को उदारतापूर्वक प्रदान करते हैं और वह उसे दी जाएगी, किन्तु वह बिना शंका के विश्वास से माँगे क्योंकि जो संदेह करता है, वह समुद्र की उस चंचल लहर के समान है, जो हवा के चलने से उछाली और फेंकी जाती है.

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