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अन्य राष्ट्रों के सभी लोग शरारती और मूर्ख हैं।
    उनकी शिक्षा निरर्थक लकड़ी की मूर्तियों से मिली है।
वे अपनी मूर्तियों को तर्शीश नगर की चाँदी
    और उफाज नगर के सोने का उपयोग करके बनाते हैं।
वे देवमूर्तियाँ वढइयों और सुनारो द्वारा बनाई जाती हैं।
    वे उन देवमूर्तियों को नीले और बैंगनी वस्त्र पहनाते हैं।
निपुण लोग उन्हें “देवता” बनाते हैं।
10 किन्तु केवल यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है।
    वह एकमात्र परमेश्वर है जो चेतन है।
    वह शाश्वत शासक है।
जब परमेश्वर क्रोध करता है तो धरती काँप जाती है।
    राष्ट्रों के लोग उसके क्रोध को रोक नहीं सकते।

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